नए किस्से शुरू होते है बरसात में
पेड़ों की हरियाली हो या
मोर नाचे छत के आयात पे
नए किस्से शुरू होते है बरसात में
हुआ सावन का आगमन
बरस बरस दे जाते है
मेघ भी शीतलता ये सौगात में
नए किस्से शुरू होते है बरसात में
ये मौसम याद दिलाता है
दिन जो ना है अब मेरे हाथ में
पुराने किस्से दे जाते है आंसू आंख में
नए किस्से शुरू होते है बरसात में
पहले प्यार का तोहफा हो
या बहकी बहकी हसीन रात हो
दिल को छेड़ने वाली नहीं लगी
जो बात थी उस आखिरी मुलाकात में
नए किस्से शुरू होते है बरसात में
आज फिर आगमन हुआ
छम छम करती बूंदों का
देख रही हूं छज्जे से बाहर
बैठी उसके साथ में
नए किस्से शुरू होते है बरसात में ।
बहुत खूब
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ji shukriya
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